परिचय
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर कैंसर है, जो गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) में विकसित होता है। यह कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण के कारण होता है, जो यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है। भारत में, सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसरों में से एक है, लेकिन जागरूकता और सही रोकथाम उपायों के जरिए इसे रोका जा सकता है।
इस लेख में, हम सर्वाइकल कैंसर के लक्षण, कारण, रोकथाम और उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती चरणों में कोई विशेष लक्षण नहीं दिखते, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है, निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
- अनियमित योनि स्राव (मासिक धर्म के बीच या संभोग के बाद रक्तस्राव)
- मासिक धर्म में बदलाव (अत्यधिक रक्तस्राव या लंबे समय तक पीरियड्स)
- योनि से दुर्गंधयुक्त स्राव
- पेल्विक या कमर दर्द
- मूत्र त्याग में कठिनाई या दर्द
- अत्यधिक थकान और वजन में कमी
अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सर्वाइकल कैंसर के कारण
मुख्य रूप से, सर्वाइकल कैंसर का कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण होता है। यह वायरस त्वचा और श्लेष्म झिल्ली के संपर्क से फैलता है। इसके अलावा, अन्य कारण भी इस कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं:
- एक से अधिक यौन साथी होना – HPV संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- कम उम्र में यौन संबंध बनाना – संक्रमण की संभावना अधिक होती है।
- धूम्रपान – प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है।
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली – HIV या अन्य बीमारियों से प्रभावित लोग अधिक जोखिम में होते हैं।
- अस्वस्थ जीवनशैली और पोषण की कमी।
सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम
सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
1. HPV वैक्सीन लगवाएं
यह वैक्सीन महिलाओं और पुरुषों दोनों को HPV संक्रमण से बचाने में मदद करती है।
2. नियमित स्क्रीनिंग कराएं
- पैप स्मीयर टेस्ट: यह टेस्ट सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती स्थिति का पता लगाने में मदद करता है।
- HPV DNA टेस्ट: यह टेस्ट यह जानने के लिए किया जाता है कि शरीर में हाई-रिस्क HPV वायरस मौजूद है या नहीं।
3. सुरक्षित यौन संबंध बनाए रखें
- कंडोम का उपयोग करें।
- एक ही यौन साथी के साथ संबंध बनाएं।
4. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
- संतुलित आहार लें जिसमें फल, सब्जियाँ और एंटीऑक्सीडेंट्स शामिल हों।
- नियमित व्यायाम करें और धूम्रपान व शराब से बचें।
सर्वाइकल कैंसर का उपचार
अगर सर्वाइकल कैंसर का शुरुआती चरण में पता लग जाए, तो इसका इलाज संभव है। उपचार के कुछ प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:
1. सर्जरी
- शुरुआती चरण में कॉनाइज़ेशन (गर्भाशय ग्रीवा के प्रभावित भाग को हटाना)।
- एडवांस स्टेज में हिस्टेरेक्टॉमी (पूरा गर्भाशय निकाल दिया जाता है)।
2. रेडियोथेरेपी
- कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च-ऊर्जा किरणों का उपयोग किया जाता है।
3. कीमोथेरेपी
- कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है।
4. टारगेटेड थेरेपी
- कैंसर की वृद्धि को रोकने के लिए विशिष्ट दवाओं का उपयोग किया जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: क्या HPV संक्रमण से हमेशा सर्वाइकल कैंसर होता है? नहीं, अधिकांश मामलों में शरीर खुद ही HPV वायरस को खत्म कर देता है। लेकिन कुछ प्रकारों से कैंसर हो सकता है।
Q2: क्या पुरुषों को भी HPV वैक्सीन लेनी चाहिए? हाँ, पुरुष भी HPV संक्रमण के वाहक हो सकते हैं, इसलिए उन्हें भी यह वैक्सीन लेनी चाहिए।
Q3: क्या सर्वाइकल कैंसर वंशानुगत (Genetic) होता है? नहीं, यह मुख्य रूप से HPV संक्रमण के कारण होता है, लेकिन कुछ आनुवंशिक कारक इसमें योगदान कर सकते हैं।
निष्कर्ष
सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर स्क्रीनिंग और वैक्सीनेशन से इसे रोका जा सकता है। हर महिला को 21 वर्ष की उम्र के बाद नियमित रूप से पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। HPV वैक्सीन और जागरूकता के जरिए हम इस बीमारी को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।