HEALTH TIPSअल्जाइमर रोग: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

अल्जाइमर रोग: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

भूमिका

अल्जाइमर रोग एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है, जो मुख्य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित करती है। यह मस्तिष्क की कोशिकाओं के धीरे-धीरे खराब होने के कारण स्मृति, सोचने की क्षमता और व्यवहार को प्रभावित करता है। भारत में बढ़ती उम्र के साथ यह बीमारी आम होती जा रही है, इसलिए इसके बारे में जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है।

अल्जाइमर रोग क्या है?

अल्जाइमर एक प्रकार का डिमेंशिया है, जिसमें व्यक्ति की स्मरण शक्ति, निर्णय लेने की क्षमता और दैनिक कार्यों को करने की योग्यता प्रभावित होती है। यह रोग धीरे-धीरे बढ़ता है और समय के साथ गंभीर हो सकता है।

अल्जाइमर रोग के मुख्य कारण

अल्जाइमर रोग के कई संभावित कारण होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. आयु – 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अल्जाइमर का खतरा अधिक होता है।
  2. अनुवांशिकता – यदि परिवार में पहले किसी को यह रोग हो चुका है, तो जोखिम बढ़ जाता है।
  3. मस्तिष्क में प्लाक्स और टैंगल्स – बीटा-एमिलॉयड प्लाक्स और टाऊ प्रोटीन के असामान्य जमाव मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
  4. हृदय रोग – उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह जैसी समस्याएं अल्जाइमर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
  5. सिर में चोट – सिर में गंभीर चोट लगने से अल्जाइमर की संभावना बढ़ सकती है।
  6. अनुचित जीवनशैली – खराब आहार, धूम्रपान, शराब का अधिक सेवन और व्यायाम की कमी भी इस बीमारी का कारण बन सकते हैं।

अल्जाइमर रोग के लक्षण

अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और समय के साथ गंभीर हो सकते हैं।

शुरुआती लक्षण:

  • बार-बार भूलना (Short-term memory loss)
  • चीजों को रखने की जगह भूल जाना
  • नाम, तारीख या स्थान भूलना
  • निर्णय लेने में कठिनाई
  • मूड में अचानक बदलाव

मध्य स्तर के लक्षण:

  • बातचीत में कठिनाई
  • रोजमर्रा के कामों को करने में परेशानी
  • लोगों को पहचानने में दिक्कत
  • बेचैनी और भ्रम की स्थिति

गंभीर स्तर के लक्षण:

  • बोलने की क्षमता में भारी कमी
  • चलने और खाने में दिक्कत
  • पूर्ण रूप से दूसरों पर निर्भर हो जाना

अल्जाइमर रोग से बचाव के तरीके

हालांकि अल्जाइमर का कोई पक्का इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपाय अपनाकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है।

1. स्वस्थ आहार अपनाएं

  • हरी सब्जियां, फल, नट्स और साबुत अनाज खाएं।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे मछली और अखरोट का सेवन करें।
  • प्रोसेस्ड फूड और शुगर का सेवन कम करें।

2. नियमित व्यायाम करें

  • रोज़ाना 30-45 मिनट की एक्सरसाइज करें।
  • योग और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
  • दिमागी खेल और पहेलियाँ हल करें।

3. सामाजिक रूप से सक्रिय रहें

  • दोस्तों और परिवार के साथ अधिक समय बिताएं।
  • नए शौक अपनाएं, जैसे पेंटिंग, गार्डनिंग आदि।

4. मानसिक रूप से सक्रिय रहें

  • किताबें पढ़ें, नए कौशल सीखें।
  • ब्रेन ट्रेनिंग गेम्स खेलें।

5. नींद का विशेष ध्यान रखें

  • रोज़ाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लें।
  • सोने और उठने का एक निश्चित समय रखें।

6. तनाव प्रबंधन करें

  • मेडिटेशन और प्राणायाम करें।
  • हंसने और खुश रहने की आदत डालें।

7. स्वास्थ्य जांच कराएं

  • नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लें।
  • उच्च रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित रखें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. क्या अल्जाइमर रोग को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है?

नहीं, अभी तक अल्जाइमर का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

2. अल्जाइमर किस उम्र में शुरू हो सकता है?

यह आमतौर पर 60 वर्ष की उम्र के बाद होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह 40-50 वर्ष की उम्र में भी देखा गया है।

3. क्या अल्जाइमर केवल बुजुर्गों को होता है?

मुख्य रूप से हां, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में यह कम उम्र में भी हो सकता है।

4. क्या योग और ध्यान अल्जाइमर को रोक सकते हैं?

हाँ, योग और ध्यान मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

निष्कर्ष

अल्जाइमर रोग एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही जीवनशैली अपनाकर इसके जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। संतुलित आहार, व्यायाम, सामाजिक गतिविधियाँ और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देकर इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है।

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